जिसे मैं याद तक नहीं,
मैं बात भी उसी की करता हूँ,
जिसे मेरी परवाह तक नहीं,
मैं आज भी उसी पे मरता हूँ।
अब ना कोई वादा रहा और ना ही कोई हिस्सा रहा,
मैं टूट कर बिखरता रहा बस यही मेरा किस्सा रहा।
आंसू ही है जो जीवन भर हमारे साथ रहते हैं,
दुख हो या सुख भावनाओं के रूप में बहते हैं।
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने,
ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने।
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
लेकिन पूरी उसकी होती है जो तक़दीर लेकर आता है।
ज़िन्दगी तो हर वक़्त इम्तेहान लेती है,
आज ज़िन्दगी तो कल मौत देती है।
दुख में अक्सर वही लोग ज्यादा याद आते हैं,
जो सबसे ज्यादा दुख देकर जाते हैं।
मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो,
लगता है मेरी तरह तुम भी झूठे हो।
ज़िन्दगी का हम अपना सबसे बड़ा दाव खेल गए,
जो सबसे करीब था वही हमे धोखा दे गए।
अगर क़िस्मत लिखने का हक़ मेरी माँ को होता,
तो मेरी ज़िन्दगी में एक भी ग़म न होता।
ढूंढ रही हूं खुशी का एक पल,
ना जाने क्यों बीत गया वह कल।
ज़िन्दगी हर वक़्त अपना खेल खेलती है,
कभी हसाती है तो कभी रुलाती है।
ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है,
दर्द में अकेले हैं और खुशियों में ज़माना है।
जिंदगी में खुलकर हंसना भूल चुका हूं,
मैं किसी और से नहीं खुद से रुठ चुका हूं।
पहले जब तुम्हारी याद आती थी,
तो चेहरे पर मुस्कुराहट आती थी,
पर अब जब भी याद आते हैं,
तो आँखों से आँसू आ जाते हैं।
बहुतों को ठुकरा कर मैंने तुझे अपना बनाया था,
अफसोस है मुझे कि मैंने तुझसे दिल लगाया था।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरुरी नहीं की वो बेवफा होता है,
देकर आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है।
करनी छोड़ दी हमने खुद की जासूसी,
अब क्या खुशी और क्या मायूसी।
अभी धूप निकलने के बाद भी जो सोया है,
वो ज़रूर तेरी याद में रातभर रोया है।
जिनके सामने झुका नहीं वो छोड़ कर चले गए,
जिनके सामने झुका वो रौंद कर चले गए।