बड़ी बरकत है कान्हा तेरे इश्क़ में,
जब से हुआ है कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता !

प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती है !
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती है !

कृष्ण ने राधा से पूछा ऐसी एक जगह बताओ !
जहाँ में नहीं हूँ !
राधा ने मुस्कुरा के कहा बस मेरे नसीब में !!

अधूरा है इश्क मेरा तेरे नाम के बिना,
जैसे अधूरी है राधा श्याम के बिना !!

प्रेम यदि पक्का हो तो,
विवाद चाहे कितना भी गहरा हो,
संबंध शेष रह ही जाता है !!

मटकी तोड़े माखन खाए फिर भी सबके मन को भाये !
राधा के वो प्यारे मोहन महिमा उनकी दुनिया गाये !

कन्हैया को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा,
पूरे खत में सिर्फ कान्हा का ही नाम लिखा !

प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो,
और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो !

कन्हैया बस तेरी रहमतपर नाज करते हैं,
इन आंखो को जब तेरा दीदार हो जाता हैं,
मेरा तो हर दिन सांवरे त्योहार हो जाता है !

श्याम की बंसी जब भी बजी है,
राधा के मन में प्रीत जगी है !!

अधूरी कहानी पर खामोश लबों का पहरा है,
चोट रूह की है इसलिए दर्द जरा गहरा है !!

यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता !

कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता है,
खुदको जितना भी रोक लू प्यार हो ही जाता है !

राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था।

प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती है,
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती है !

एक तरफ साँवले कृष्ण दूसरी तरफ राधिका गोरी,
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद चकोरी !!

प्यार तो हमारा राधा कृष्णा के जैसा ही होगा,
चाहे हम एक दूसरे की किस्मत में न हो !!

राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं,
कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है !

बंधन रिश्तों का नहीं एहसासों का होता है,
जहाँ एहसास खत्म वहां रिश्ता खत्म्म !!

पूर्ण है श्रीकृष्ण परिपूर्ण है श्रीराधे !
आदि है श्रीकृष्ण अनंत है श्रीराधे !