कुछ तो चाहत रही होंगी,
इस बारिश की बूंदो की,
वर्ना कौन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुंचने के बाद !!

सभी मौसम में बारिश का,
मौसम मुझे भाता बहुत है,
जब आता है तेरी याद संग लाता है !

हो रही है बारिश,
पूरा शहर ये वीरान है,
एक हम ही तो उदास नहीं,
सारा शहर परेशान है !

ऐ रब इस हसीन सावन की बस एक ही खाव्हिश है,
भीग लूँ मैं एक दफा बस यही फरमाइश है ।

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे,
छूने की चाहत मैं हथेलियां तो गीली,
हो जाती है पर हाथ खा ली ही रह जाते है !

बारिश और मोहब्बत दोनों ही,
यादगार होते है बारिश में जिस्म,
भीगता है और मोहबब्त में आंखे !

पहले बारिश होती थी तो तुम याद आते थे,
अब तुम याद आते हो तो बारिश होती है !!

अब कोन घटाओ को घुमड़ने से रोक पायेगा,
जुल्फ जो खुल गयी तेरी लगता हैं सावन आयेंगे !

जब लुत्फ़ का मंजर देखता रहता हूँ बारिश में,
बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में !

तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हँसते हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम !

ए बारिश यूं ना सता मुझे अब वो,
हमसफर मेरा नहीं किसी और का हैं !!

बारिश आती है प्यार बढ़ाने के लिए,
मगर आप घर के बाहर निकलते ही नहीं !

छत टपकती हैं उसके कच्चे घर की वो,
किसान फिर भी बारिश की दुआ करता है !!

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में,
फिर भी फ़िजा को रंगीन बना देता है !!

कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से,
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !

खुद को इतना भी ना बचाया करो,
बारिशे हुआ करे तो भीग जाया करो !

कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे,
तन्हा तो मेरी आंख हर रोज बरसाती हैं !!

मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है !

सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में,
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !

हमारे शहर आ जाओ,
सदा बरसात रहती है,
कभी बादल बरसते हैं,
कभी आँखे बरसती हैं !!