फर्क तो अपने-अपने सोच में है,
वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नही होती !
हर दुआ मेरी कुबूल हो गयी है,
तेरे जैसी दोस्त जो मुझे मिल गयी है।
हमारी दोस्ती एक-दूजे से ही पूरी है,
वरना रास्ते के बिना तो मंजिल अधूरी है।
यारी दिमाग से नहीं दिल से निभाओ,
भले ही आपका नाम शौहरत कितनी बड़ी हो,
मगर हर कदम अपने दोस्तों से मिलाके चलो !
तुम दोस्त बनके ऐसे आए ज़िन्दगी में,
कि हम ये जमाना ही भूल गये,
तुम्हें याद आए न आए हमारी कभी,
पर हम तो तुम्हें भुलाना ही भूल गये !
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाहकर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कहकर दोस्ती जताता है,
कोई कुछ न कहकर दोस्ती निभाता है ।
तू दूर है मुझसे और पास भी है,
तेरी कमी का एहसास भी है,
दोस्त तो हमारे लाखों हैं इस जहां में,
पर तू प्यारा भी है और खास भी है !
कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी एक,
मैं हूँ और एक मेरी सच्ची दोस्ती तेरी !!
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो,
वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं !
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,
उसे जिंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी !
न जाने कौन सी दौलत है कुछ दोस्तों के लफ्जों में,
बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं।
आपकी हमारी दोस्ती सुरों का साज है,
आप जैसे दोस्त पर हमें नाज है,
अब चाहे कुछ भी हो जाये जिंदगी में,
दोस्ती वैसे ही रहेगी जैसे आज है !
न दोस्ती से रहे और न दुश्मनी से रहे,
हमें तमाम गिले अपनी आगही से रहे !
दोस्ती के बाद मोहब्बत हो सकती है,
मगर मोहब्बत के बाद दोस्ती नहीं हो !
याद ऐसी करना जिसकी हद न हो,
विश्वास इतनी करना कभी शक न हो,
इंतजार इतना करो की कोई वक़्त न हो,
दोस्ती ऐसी करना जिसमे नफरत न हो !
वक्त बदल जाता है जिंदगी के साथ,
जिंदगी बदल जाती है वक्त के साथ,
वक्त नहीं बदलता दोस्तों के साथ,
बस दोस्त बदल जाते हैं वक्त के साथ !
ऐ सुदामा मुझे भी सिखा दे कोई हुनर तेरे जैसा,
मुझे भी मिल जायेगा कोई दोस्त कृष्ण जैसा !
हम दोस्त को कभी रुलाते नही,
दिल में बसाकर उसे भुलाते नही,
जान भी दे देंगे तुम्हारी खातिर,
फिर भी लोग कहते है हम दोस्ती निभाते नही !
दूर हो या पास दोस्ती भुलाई नहीं जाती,
और जिस खुशी में दोस्त साथ ना हो,
वह खुशी मनाई नहीं जाती !
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ
मुनाफा देखकर रिश्तों की सियासत नहीं करता !