दुनिया चाहे हमें मिलने का मौका दे या ना दे,
अगर हमारी मोहब्बत सच्ची है तो,
कुदरत भी हमारी मोहब्बत के सामने झुक जाएगी !

मोहब्बत की हवा जिस्म की दवा बन गयी,
दूरी आपकी मेरी चाहत की सजा बन गयी,
कैसे भूलूँ आपको एक पल के लिए,
आपकी याद हमारे जीने की वजह बन गयी !

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा,
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे जो मौत तक वफा करे !

बस रिश्ता ही तो टूटा है,
मोहब्बत तो आज भी हमे उनसे ही है !

एक चाहत थी तेरे साथ जीने की,
वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी !

हम इस कदर तुम पर मर मिटेंगे,
की तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे !

सच्ची मोहब्बत की एक ही निशानी है
चाहे कितना भी लड़ लें झगड़ लें,
फिर भी एक दूसरे के बगैर रह ना पाए !

मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने,
तेरे ही मंदिर में तेरे ही बंदे,
तेरे ही सामने रोते हैं,
तुझे नहीं किसी और को पाने के लिए !

दुनिया में मोहब्बत कर तो सभी लेते हैं,
लेकिन उसे निभा पाना सबके बस की बात नहीं हैं !

चाहे पूछ लो सवेरे से या शाम से,
ये दिल धड़कता है बस तेरे नाम से !

मैं खुद हैरान हूँ तुमसे इतनी मोहब्बत क्यों है,
मुझे जब भी प्यार शब्द आता है,
चेहरा तुम्हारा ही याद आता है !

मोहब्बत की भी एक अजीब सी दास्तां है,
रोग भी मोहब्बत है और इलाज भी मोहब्बत !

ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते हैं,
शमां जिसको भी जलाती है वो परवाने बन जाते हैं !

मोहब्बत मे कभी कोई जबरदस्ती नही होती,
जब तुम्हारा जी चाहे तुम बस मेरे हो जाना !

अगर इश्क करो तो आदाब-ए-वफा भी सीखो,
ये चंद दिन की बेकरारी मोहब्बत नहीं होती !

यह मोहब्बत है जनाब जितना दर्द देती है,
सुकून भी उतना ही देती है !

मोहब्बत आजमाना हो तो बस इतना ही काफी है,
जरा सा रुठ कर देखो कौन मनाने आता है !

सब कुछ खोकर भी सिर्फ,
तुझे पाने की चाहत करता हूँ मैं,
जरा सोच तुझसे कितनी मोहब्बत करता हूँ में !

यूँ तो आदत नहीं मुझे मुड़ के देखने की,
तुम्हें देखा तो लगा एक बार और देख लू !

तेरी खूबसूरती के लिए मैं क्या कहूँ
भरी दोपहर में भी चमकता चाँद हो तुम !