सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है,
यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है !

जब कभी दिल दुआ देगा,
तो नफरत को मिटा देगा,
ये बेचारा इंसान क्या देगा,
जो भी देगा खुदा देगा !

वादे से पहले ये दुआ माँग लीजिये,
या रब उसे मेरी कसम का ऐतबार हो !

तुझे पाकर सारी दुआ कुबुल हो गई है,
तू मिली तो मुझे मेरी जन्नत मिल गई है !

भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज के बाद
यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रक्खा है !

कोई जख्म देते रहा हम हंसके सहते रहे,
भला हो जाए उसका हम दुआ देते रहे !

सच तो यह है कि दुआ ने न दवा ने रखा,
हमको जिंदा तेरे दामन की हवा ने रखा !

मांगी है दुआ इस यकीन के साथ,
कट जाए मेरी जिंदगी इस बेवफा के साथ !

ना जाने कौन मेरे हक में दुआ करता है,
डूबता भी हु तो समुन्दर उछाल देता है !

जब भी देखता हूँ किसी के हँसते हुए चेहरे,
दुआ करता हूँ इनको कभी मोहब्बत ना हो !

मुश्किल राहों में जो आसान सफर लगता है,
ये मेरे माँ और बाप की दुआओं का असर लगता है !

यकीं और दुआ नजर नहीं आती मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देती !

वो आ गए मिलने हमसे एक शाम तन्हाई मिटाने,
और हम समझ बैठे इसे अपनी दुआओं का असर !

दुआ को केवल दुखों में,
मांगने के लिए नहीं,
बल्कि जीने का तरीका बनाओ !

माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्र-ए-यार की,
आखिर को दुश्मनी है दुआ की असर के साथ !

दुआएँ मिल जाये यही काफी है,
दवाए तो कीमत अदा करने पर मिल ही जाती हैं !

हमने चाहा आपको आपने चाहा किसी और को,
हमारी दुआ है की खुदा न करे तुम्हे चाहने वाला,
कभी चाहे किसी और को !

न कोई गिला करता हूँ न शिकवा करता हूँ
तुम सलामत रहो बस यही दुआ करता हूँ !

तेरी मोहब्बत की तलब थी,
इसलिए हाथ फैला दिए
वरना हमने तो अपनी,
जिन्दगी की भी दुआ नहीं माँगी !

न जाने किसने पढ़ी है मेरे हक में दुआ,
आज तबियत में जरा आराम सा है !