खुबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है,
जाने कब कौन जिंदगी का हिस्सा बन जाता है,
कुछ लोग जिंदगी में ऐसे मिलते हैं जिनसे,
कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है !
तारीफ क्या करू में तुम्हारी क्यूंकि,
तुम्हीं एक तारीफ हो !
रोज इक ताजा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए,
तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है !
तू भी मेरे दिल के Library की वो डायरी है,
जिसे हम पढ़ना कम और देखना,
ज्यादा पसंद करता है ।
मत मुस्कुराओ इतना कि फूलों को खबर लग जाए,
कि करे वो तुम्हारी तारीफ,
और तुम्हें नजर लग जाएँ !
तू बेमिसाल है तेरी क्या मिसाल दूं !
आसमां से आई है, यही कह के टाल दूं !
और भी इस जहां में आएंगे आशिक कितने,
उनकी आंखों को तुमको देखने की हसरत रहे !
रात भर करता रहा तेरी तारीफ चाँद से,
चाँद इतना जला कि सुबह तक सूरज हो गया !
तुम्हे देख के ऐसा लगा चाँद को जमीन पर देख लिया,
तेरे हुस्न तेरे शबाब में सनम हमने कयामत को देख लिया !
ढाया है खुदा ने जुल्म हम दोनों पर,
तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क देकर !
वो हाल मेरा पूछने आये जरूर थे मगर,
अपनी निगाहों में वही पुराना गुरूर लिए हुए।
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखें सना है,
वो आँखों से अपना बना लेते है !
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है,
तितलियों सी नाजुक परियों जैसी खूबसूरत सी है !
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं,
चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं !
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ
इस सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम !
खूबसूरत हो इसलिए मोहब्ब्त नहीं है,
मोहब्बत है इसलिए खूबसूरत लगती हो !
देख कर खूबसूरती आपकी चांद भी शर्मा रहा है,
तू कितनी खूबसूरत है यही फरमा रहा है !
बेवफाई की तारीफ मैं क्या करूं !
वो जहर भी हमें किस्तों में देते रहे !
यह तेरा हुस्न और ये अदाएं तेरी,
मार जाते हैं इन्हें देख मुहल्ले के सारे आशिक,
उतर आते है ।
नींद से क्या शिकवा करूं मैं जो रात भर आती नहीं,
कसूर तो उस चेहरे का है जो रात भर सोने नही देता !