ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती,
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती,
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता,
मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती !

हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश है,
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनो !

बिन कहे ही तूने मुझे सब कुछ दे दिया है,
आंखों से आंसू और दिल से सारा दर्द ले लिया है !

‏मेरे बाद किसी और को हमसफर बनाकर देख लेना,
तेरी ही धड़कन कहेगी कि उसकी वफा में,
कुछ और ही बात थी !

आप जैसा हँसी हमसफर हो अगर,
जा रहे हैं कहाँ सोचता कौन है !

उल्फत में अक्सर ऐसा होता है,
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है,
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी,
हमसफर उनका कोई और होता है !

एक हमसफर को दूसरे की कद्र करनी चाहिए !
क्योंकि यही प्यार का आधार होता है !!

यूँ तो बहुत हैं अपने मगर अपनों सी,
किसी में वो बात नहीं हम सफ़र में तो हैं जिंदगी के,
लेकिन हमसफ़र कोई साथ नहीं !!

रौनक आ गई है मेरे जीवन में यहां वहां,
तुम सा हमसफ़र होगा कहाँ ।

बातें तो हर कोई समझ लेता है,
हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे !

मेरी हर खुशी हर बात तेरी हैं साँसों,
में छुपी ये हयात तेरी हैं दो पल भी,
नहीं रह सकते तेरे बिन धडकनों की,
धडकती हर आवाज तेरी है !!

राह-ए-वफ़ा में कोई हमसफर जरूरी है,
ये रास्ता कहीं तनहा कटे तो मुश्किल है,
जहाँ भी जाऊँ ये लगता है तेरी महफ़िल है !

हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश हैं,
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनों !!

रहे जिंदगी में यह कहानी सभी की है,
हमराज कोई और है हमसफर कोई और है !

सामने मंजिल थी और पीछे उसका वजूद,
क्या करते हम भी यारों,
रुकते तो सफर रह जाता चले तो हमसफर रह जाता !

मेरा सफ़र अच्छा है लेकिन मेरा,
हमसफर उससे भी अच्छा है !

जिंदगी की राहो में मिलेंगे तुम्हें हजारों हमसफर,
लेकिन उम्र भर भूल ना पाओगे वह मुलाकात हूँ मैं !

एक ही मंजिल है उनकी एक ही है रास्ता,
क्या सबब फिर हमसफ़र से हमसफ़र लड़ने लगे !

राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो,
मेरे सुख और दुख को बांटने वाली,
हमसफर भी तुम ही हो !

हमसफ़र साथ हो तो बुढ़ापे में भी,
खूबसूरती झलकती है !!