मजा तो तब ही आये पीने का यारो,
शराब हम पियें और नशा उनको हो जाए !
उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर,
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं !
एक वक्त था जब तेरी आँखों से पी कर जीते थे,
लाख बुरे थे लेकिन शराब कभी नहीं पीते थे ।
एक बार टूट जाए दिल तो,
फिर ना किसी से मोहब्बत दुबारा होती है,
जब आए उस बेवफा की याद तो,
फिर जीने का शराब ही सहारा होती है !
कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर,
तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ ।
नशा हम किया करते हैं,
इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है,
जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं !
रहता हूँ बहका बहका तो शराबी ना समझना,
कभी किसी की यादें भी बहका दिया करती हैं !
सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी !!
अब किधर मिलोगे पागलखाने या मैखान !!
अब के सावन में सबका हिसाब कर दूंगा,
जिसका जो वाकी है वो भी हिसाब कर दूंगा !
फिर ना पीने की कसम खा लूँगा,
साथ जीने की कसम खा लूँगा,
एक बार अपनी आँखों से पिला दे साकी,
शराफत से जीने की कसम खा लूँगा !
यादों से सलाम लेता हूँ,
वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,
ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,
जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ !
फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे,
मयख़ाने से कह दो दरवाजा खुला रखे !
जाम तो यू ही बदनाम है यारों कभी इश्क करके देखो
या तो पीना भूल जाओगे,
या फिर पी-पी के जीना भूल जाओगे !
सोचा था कुछ और लेकिन हुआ कुछ और,
इसीलिए ये भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर !
परदा तो होश वालों से किया जाता है हुजूर
तुम बेनकाब चले आओ हम तो नशे में हैं !
शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है,
पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है।
तेरे जाने के बाद जीने की ख्वाइश ना थी,
कमबख्त शराब ने हमें मरने से बचा लिया !
बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा,
बदनाम हो गया देता जब तक अपनी गवाही
वो खुद शराब हो गया !
ये ना पूछ मैं शराबी क्यूँ हुआ बस यूँ समझ ले,
गमों के बोझ से नशे की बोतल सस्ती लगी !
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है !