बेटियाँ सब के मुकद्दर में कहा होती,
जो घर खुदा को पसंद आ जाए,
बस वहाँ होती हैं !
देवी का रूप देवों का मान हैं बेटियां,
परिवार के कुल को जो रोशन करें,
वो चिराग हैं बेटियां !
एक मीठी सी मुस्कान हैं बेटी,
यह सच है कि मेहमान हैं बेटी,
उस घर की पहचान बनने चली,
जिस घर से अनजान हैं बेटी !
एक शख्स कहने लगा,
अच्छा हुआ मेरी बेटी नहीं हैं,
इतने मसले होते हैं,
एक आवाज आई हमारा रब बेटी उसी को,
उसे अता करता है जिस को बेटी पालने की औकात होती है !
बेटियां अगर पिता का गुरूर होती है,
तो माँ का भी सम्मान होती है बेटियां !
कुछ तो ताकत जरूर होती हैं बेटियों में,
वो माँ का दर्द बिन कहे ही समझ जाती है !
एक बेटा तब तक आपका बेटा है,
जब तक वह अविवाहित है,
पर एक बेटी जीवन भर एक बेटी होती है !
बेटियों को जैसे संस्कार मिलेंगे,
वैसे ही समाज का निर्माण होगा !!
माता पिता के दिल में रहती हैं बेटियां,
धड़कन बनकर धड़कती हैं बेटियां,
बेटियां ना हों तो सूना होगा सब संसार,
बेटियां ना हों तो अधूरा है हर परिवार !
बेटियाँ हर किसी की जगह ले सकती है,
पर बेटी की जगह कोई नहीं ले सकता !
अपनी होकर भी पराई मानी जाती है,
तभी तो बेटी माँ की परछाईं कहलाती है !!
बेटी नहीं है बोझ किसी पर,
होती है सबका आधार,
पढ़ लिख कर जब हो शिक्षित,
देती जीवन को आकार !!
बेटी से ही आबाद हैं सबके घर-परिवार,
अगर न होती बेटियाँ थम जाता संसार !
बेटी होने का कर्ज चुकाया,
अब बहू होने का फर्ज निभा रही है,
आज भी कहीं किसी कोने में वो,
छुपकर अपने सारे ख़्वाब छुपा रही है !
जरूरी नही रौशनी चिरागों से ही हो,
बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं !
बेटी हुई है घर में जिसके,
भाग्य हो उसका निराला,
हर क्षेत्र में बढ़ती आगे,
करती हर घर में उजाला !!
हर परिवार के कुल को बढ़ाती है बेटियां,
फिर भी पैरों तले कुचल दी जाती है बेटियां !
बेटे भाग्य से होते हैं,
पर बेटियाँ सौभाग्य से होती हैं !
बेटियाँ तो बेटियाँ होती हैं,
अपने घर की शान और,
सबकी जान होती है !!
सब ने पूछा बहु दहेज़ में क्या-क्या ले आई,
किसी ने ना पूछा बेटी क्या-क्या छोड़ आई !