जहाँ से जी ना लगे तुम वहीं बिछड़ जाना,
मगर खुदा के लिए बेवफाई ना करना !

तुम नहीं मिले तो क्या हुआ,
सबक तो मिल गया !

तेरी बेवफाई का गम तो नहीं,
मगर तू बेवफा है दुःख ये भी कम नहीं !

हमको दिल से भी निकाला गया, फिर शहर से भी,
हमको पत्थर से भी मारा गया, और जहर से भी !

तुम क्या जानो बेवफाई की हद ये दोस्त,
वो हमसे इश्क सीखता रहा किसी और के लिए !

दिल में आने का तो रास्ता होता है पर,
जाने का नही इस लिए जब भी कोई इंसान जाता है,
दिल तोड़ कर ही जाता है !