ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था !

बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं !

जागना भी काबुल है तेरी यादों में रातभर,
तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !

वो शख्स जो कभी मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी,
नही होने दिया !

कोई समझे तो,
एक बात कहूँ साहब,
तनहाई सौ गुना बेहतर है,
मतलबी लोगों से !

एक बीते हुए रिश्ते की,
एक बीती घड़ी से लगते हो,
तुम भी अब अजनबी से लगते हो !

तेरी मुस्कुराहट भी इस कदर कमाल करती है,
बेजार मन को भी गुलजार करती है !

मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था,
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था !

उम्र तो है मुट्ठी में फिसलती रेत सी,
पकड़ा इसे किसने भला,
जियो जो हर पल इसे भरपूर,
तो फिर जिंदगी गुलजार है !

वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह,
उन्हें ढूंढने की जरूरत नही,
मेरी आँख में झाँक कर देख लो,
तुम्हें आइने की जरूरत नही !

इन उम्र से लम्बी सड़कों को,
मंजिल पे पहुँचते देखा नहीं,
बस दौड़ती फिरती रहती है,
हमने तो ठहरते देखा नहीं !

लोग कहते है की खुश रहो,
मगर मजाल है की रहने दे !

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है,
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है !

मोहब्बत आपनी जगह,
नफरत अपनी जगह,
मुझे दोनो है तुमसे !

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती !