माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ न,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल में सुलाओ न,
उँगलियाँ फेर कर मेरे बालों में,
एक बार फिर से वो बचपन की लोरियाँ सुनाओ न।

फूल में जिस तरह खुशबू अच्छी लगती है,
मुझको उस तरह मेरी माँ अच्छी लगती है,
खुदा सलामत और खुश रखे मेरी माँ को,
सारी दुआ मैं मुझे ये दुआ अच्छी लगती हैं।

माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ अदा कौन करेगा,
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा।

माँ के बिना ज़िंदगी वीरान होती है,
तन्हा सफर में हर राह सुनसान होती है,
ज़िंदगी में माँ का होना जरूरी है यारों,
माँ की दुआओं से ही हर मुश्किल आसान होती है।

वक्त से कुछ पलों को मैं चुरा लूं,
मां की गोद में कुछ पल सुकून के बिता लूं, 
मां के चरणों की धूल को माथे पे लगा लूं,
मां से किया हर एक वादे को मैं जिंदा रहते निभा लूं।

माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।

आँखे खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो,
आँखे बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो,
मैं मर भी जाऊं तो भी कोई गम नहीं,
लेकिन कफ़न मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो।

बच्चों को खिलाकर जब सुला देती है माँ,
तब जाकर थोडा सा सुकून पाती है माँ,
प्यार कहते हैं किसे और ममता क्या चीज़ है,
कोई उन बच्चों से पूछे जिनकी गुज़र जाती है माँ।

माँ तो जन्नत का फूल है,
प्यार करना तो उसका उसूल है,
दुनिया की सारी मोहब्बत फ़िज़ूल है,
माँ के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है।

अपनी ख्वाहिशों को कुर्बान करते देखा है,
कभी गुस्सा करते हुए भी प्यार जताते देखा है,
बच्चों का पेट भरते भरते खुद ख़ाली पेट सोते देखा है,
ऐसा एक फ़रिश्ता मैंने अपनी माँ के रूप में देखा है।