खाली नही दिल हमारा तेरे प्यार को पाला है,
उम्मीद दिखाकर तूने हमे अंधेरे में क्यों डाला है।

लिखने को जब भी उठाता हु कलम,
दिल न जाने हमारा कहा खो जाता है,
याद आती है तेरी तो देखता हूं आसमान को,
और हर जगह बदलो में तू ही नजर आता है।

मुकद्दर की लकीरो से मैं उन्हें चुराना चाहता हूं,
मैं मरते दम तक उनका साथ निभाना चाहता हूं।

तेरा हाथ पकड़कर दो कदम चलना चाहता हूं,
तेरी गोद में सर रख दो पल सोना चाहता हूं,
और तुम पलके उठाकर मेरी तरफ देख लो,
मैं अपनी रूह को तेरी रूह से मिलाना चाहता हूं।

किसी को नफरत है मुझसे,
और कोई प्यार कर बैठा,
किसी को यकीन नही मुझपे,
और कोई ऐतबार कर बैठा।

अपना दर्द अब हम तन्हाइयो को सुनाते है,
हमे नींद आती है मगर सो नही पाते है,
कैसे बताये तुझको तकलीफ दिल की,
याद आती है तेरी तो बस रोये जाते है।

तुझसे मिलने को दिल कब से बेसबर है,
न मंजिल का पता है न रास्तो का खबर है,
बस अब तो आपकी याद में ही हम जिंदा है,
लगता है मुझपे तेरी मोहब्बत का ही असर है।

जिस दिन तू आंखों से मुझे घायल कर गई,
उसी दिन से मुझे तुझसे मोहब्बत हो गई।

वो खामोशी मेरी जान नही पाता,
उसे देखे बिना मुझे चैन नही आता,
न जाने कैसी कशिश है उसकी चाहत में,
उससे दो पल की दूरी दिल सह नही पाता।

आंखों में मेरे आंसू आ जाते है,
लेकिन लबो पे हँसी लानी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज है यारों,
जिस से करो उसी से छुपानी पड़ती है।