राह संघर्ष की जो चलता है,
वहीं संसार को बदलता है,
जिसने रातों में जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है !
रख हौसला वो मंजर भी आएगा,
प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आएगा !
जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिये,
जीत के खातिर ऐसा जुनून चाहिए,
ये आसमान भी आएगा जमीन पर,
बस इरादों में ऐसी गूंज होनी चाहिये !
हमको मिटा सके ये जमाने में दम नहीं,
हमसे जमाना खुद है जमाने से हम नहीं !
जब पढ़ते-पढ़ते राते छोटी लगे,
तो समझ लेना जीत का जुनून,
सर पर सवार है !
भँवर से कैसे बच पाया किसी पतवार से पूछो,
हमारा हौसला पूछो तो फिर मझधार से पूछो !
अकेले चलने का साहस रखो जनाब,
कामयाबी एक दिन आपके कदमो में होगी !
सीढीयाँ उन्हें मुबारक हो,
जिन्हें छत तक जाना हो,
हमारी मंजिल तो आसमान है,
और रास्ता हमें खुद बनाना है !
जो तूफानों में पलते जा रहे हैं,
वही दुनिया बदलते जा रहे हैं !
अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फैसला,
जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा !