राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज देते हैं सफर जारी रखो !

मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,
समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे !

मोहब्बत आपके दिल से हो गई एक
राहत थी अब खुदा की रहमत हो गई !

चुरा लो अभी हर हसीन लम्हा जिंदगी से,
फिर जिम्मेदारियां मोहलत नही देंगी !

फूलों की दुकानें खोलो खुशबू का व्यापार करो,
इश्क खता है तो ये खता एक बार नहीं सौ बार करो !

अब तो हर गली का पत्थर हमें पहचानता
हैं उम्र गुजरी हैं तेरे शहर में आते जाते!!!

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !

मजा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे !!

यहां दरिया पे पाबंदी नहीं है,
मगर पहरे लबों पे लग रहे है !

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !

फूंक डालुंगा मैं किसी रोज दिल की दुनिया,
ये तेरा खत तो नहीं है जो जला ना सकूं !

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रजाई मांगे !

बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ !

गाज़ाब का प्यार था उस की उदास आँखों में,
गुमान तक ना हुवा की वो बिछड़ने वाली है !

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते !

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें !

सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें !

न हम-सफर न किसी हम नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा !

ये दुनिया है इधर जाने का नहीं,
मेरे बेटे किसी से इश्क कर,
मगर हद से गुजर जाने का नहीं ।

कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग,
हमको तो जीने की भी उम्मीद नहीं !