आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो,
मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं !
समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई,
कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता !
नजर चाहती है दीदार करना,
दिल चाहता है प्यार करना,
क्या बताऊँ इस दिल का आलम,
नसीब में लिखा है इंतजार करना !
सजा कोई भी दो मगर नजर के सामने रहो,
क्योंकि तुम्हारे बिना जीने की आदत नहीं मुझे !
कितने मासूम होते है ये आँखों के आँसू भी,
ये निकलते भी उन के लिए है,
जिन्हे इनकी परवाह तक नहीं होती !
पंछी ने जब जब किया पंखों पर विश्वास,
दूर दूर तक हो गया उसका ही आकाश !