रात की चांदनी से मांग लू सवेरा,
फूलों की चमक से मांग रंग गहरा,
दौलत और शोहरत से वास्ता नहीं है मेरा,
मुझे तो हर सुबह चाहिए बस साथ तेरा।
सपनो की दुनिया से अब लौट आओ,
हो गई है सुबह अब तो जाग जाओ,
चांद तारों को अब तुम कह दो अलविदा,
और इस नए दिन की खुँशियों मे खो जाओ।
जाने कब सुबह सुबह वो रिश्ता बन गया,
एक अनजाना जाने कब अपना बन गया,
हमें पल भर भी एहसास न हुआ,
और कोई हमारी सुबह की ज़रुरत बन गया।
ये चांदनी रात अलविदा कह रही है,
और एक ठंडी सी हवा दस्तक दे रही है,
उठ कर देखो जरा सुबह का नजारा,
ये प्यारी सुबह तुम्हे गुड मॉर्निंग कह रही है।
कभी भुला देते हैं तो कभी याद कर लेते है,
कभी रुला देते हैं तो कभी हंसा देते है,
पर सच कहूं तो सुबह जब बात होती है आपसे,
तो मेरे पूरे दिन को आप खुबसूरत बना देते है।
ज़िन्दगी की हर शाम तेरे लिए है,
ये महफ़िल ये शहर ये नाम तेरे लिए,
आप मुस्कुराते रहो हमेशा तारो की तरह,
ये सुबह का पैगाम भी मेरा सिर्फ तेरे लिए।
दिल का कहा मानो और एक काम कर दो,
इस बेनाम सी मोहब्बत को मेरे नाम कर दो,
मुझ पर बस इतना ऐहसान कर दो,
एक सुबह मिलो और उसे शाम कर दो।
सपनो की तरह हम सजा कर रखेंगे,
चांदनी रात की नज़रों से छुपा कर रखेंगे,
अगर मेरी तक़दीर में होगा साथ तुम्हारा,
तो जिंदगी भर तुम्हे अपना बना कर रखेंगे।
दुआ यही है मेरी उस खुदा से,
कि एक ऐसा दिन भी ज़िन्दगी में आए,
जैसे मिले थे हीर और रांझा
कुछ उसी तरह मुझको भी तू मिल जाए।
हर सुबह यादो पे तेरा ही बसेरा होता है,
जैसे मेरे लिए सबसे जरुरी काम हो तुम,
मैं खुद को भी रोक नहीं पाता हु,
जैसे मेरी ज़िन्दगी का खुबसूरत इनाम हो तुम।