चाहत में मर जाने वाली लड़की हो,
तुम सचमुच अफ़साने वाली लड़की हो,
आखिरी बैंच पे बैठने वाला लड़का मैं,
जाओ तुम अव्वल आने वाली लड़की हो।
चले जाओ भी अब जी लेंगे पर,
सच कहो मजबूरी है क्या,
मुझे ये कहानी कुछ और लिखनी थी,
तुम्हारे हिसाब से पूरी है क्या।
बैठे-बैठे इक दम से चौंकाती है,
याद तेरी कब दस्तक दे कर आती है,
तितली के जैसी है मेरी हर ख़्वाहिश,
हाथ लगाने से पहले उड़ जाती है।
कोई काँटा कोई पत्थर नहीं है,
तो फिर तू सीधे रस्ते पर नहीं है,
मैं इस दुनिया के अंदर रह रहा हूँ,
मग़र दुनिया मेरे अंदर नहीं है।
इसी ख़ुशी ने मेरा दम निकाल रखा है,
की उसने अब भी मेरा गम संभाल रखा है।
हमने पर्चे आंसुओं से भर दिए,
और तुमने इतने कम नंबर दिए,
ऊंचे नीचे घर थे बस्ती में बहुत,
जलजले ने सब बराबर कर दिए।
हमारा दिल तो हमेशा से एक जगह पर है,
तुम्हारा दर्द ही रास्ता भटक गया होगा,
बिछड़ कर भी हूँ ज़िंदा रहने वाला,
तू होता कौन है ये कहने वाला।
इश्क़ में ये दावा तो नहीं है कि मैं ही अव्वल आऊँगा,
लेकिन इतना कह सकता हूँ अच्छे नंबर लाऊँगा।
कोरे कागज़ पर रो रहे हो तुम,
मैं तो समझा पढ़े लिखे हो तुम,
क्या कहा मुझसे दूर जाना है,
इसका मतलब है जा चुके हो तुम।
हज़ारों क़र्ज़ थे मुझ पर तुम्हारी उल्फ़त के,
मुझे वो क़र्ज़ चुकाने का मौक़ा तो देते,
तुम्हारा ख़ून मेरे जिस्म में मचलता रहा,
ज़रा सा क़तरा बहाने का मौक़ा तो देते।
मैं कोई राह हूँ तुम राह देखने वाले,
कि मुंतज़िर तो मरा पर न इंतिज़ार मरा,
तुम्हारी मौत मेरी ज़िंदगी से बेहतर है,
तुम एक बार मरे मैं तो बार बार मरा।
तुम्हारा सिर्फ़ हवाओं पे शक गया होगा,
चराग़ ख़ुद भी तो जल जल के थक गया होगा।
मैं जब भी छूता हूँ अपने बदन की मिट्टी को,
तो लम्स फिर उसी ठंडे बदन का होता है,
लिबास रोज़ बदलता हूँ मैं भी सब की तरह,
मगर ख़याल तुम्हारे कफ़न का होता है।
मैं बोझ काँधों पे ऐसे उठा के चलता हूँ,
तुम्हारा जैसे जनाज़ा उठा के चलता था,
यहाँ पे मेरी परेशानी सिर्फ़ मेरी है,
वहाँ कोई न कोई कांधा तो बदलता था।
तुम्हारी शम-ए-तमन्ना बस एक रात बुझी,
चराग़ मेरी तवक़्क़ो के रोज़ बुझते हैं,
मैं साँस लूँ भी तो कैसे कि मेरी साँसों में,
तुम्हारी डूबती साँसों के तीर चुभते हैं।
जहाँ पंखा चल रहा है वहीं रस्सी भी पड़ी है,
मुझे फिर खयाल आया, अभी ज़िन्दगी पड़ी है।
जरा ठहरो की शब फीकी बहुत है,
तुम्हें घर जाने की जल्दी बहुत है,
जरा नजदीक आकर बैठ जाओ,
तुम्हारे शहर में सर्दी बहुत है।