आज मैं कुछ नहीं हूँ ये बात मैंने माना,
कल को मशहूर हो जाऊ तो रिश्ता मत बनाना।

तू जिस शहर में अकड़ दिखाता है,
मैं उस शहर का नवाब हूं, 
तू छोटे अभी अभी बिगड़ा है,
और मैं बचपन से ख़राब हूं।

मेरे एटीट्यूड पर मत जाना, 
तुम्हारे समझ में नहीं आयेगा,
अगर ज्यादा दिल लगाओगे,
तो दिल ही निकल जायेगा।

एटीट्यूड का वो नशा चढ़ा है मुझपर, 
जो जीवन में कभी ना उतरेगा, 
शख़्सियत भले ही मिट जाए,
पर ये बन्दा किसी के आगे नहीं झुकेगा।

कुछ सही तो कुछ खराब कहते है,
लोग हमे बिगड़ा हुआ नवाब कहते है।

यह जो सर पर घमंड का ताज रखते हैं,
हम एटिट्यूड में उनके भी बाप लगते है।

तुमने पूछा था न कैसा हूँ मैं, 
कभी भूल न पाओगे ऐसा हूं मैं।

रहते है आस पास ही लेकिन साथ नहीं होते,
कुछ लोग जलते हैं मुझसे बस खाक नहीं होते।

बादशाह हो या मालिक सलामी हम नही करते,
राजा हो या राजकुमारी गुलामी हम नही करते।

प्यार से बात करोगे तो प्यार ही पाओगे,
अगर अकड़ दिखाओगे तो लात खाओगे।

तेरी ईगो तो दो दिन की कहानी है,
लेकिन मेरी अक्कड़ तो खानदानी है।

पुरे शहर में नाम चलता है फोटो लगे है थाने में,
शेर जैसा जिगरा चाहिए हमको हाथ लगाने में।

अभी तू नया नया‬ है ‪‎बेटे‬ मैने ‎खेल‬ सारे ‎खेले‬ है,
जिन ‪के दम पर तू ‪उछलता ‬है वो ‪मेरे‬ ही चेले‬ है।

दर्द की भी अपनी ही एक अदा है,
ये तो सहने वालों पर ही फ़िदा है।

खून में उबाल आज भी खानदानी है,
तभी तो दुनिया हमारे अंदाज की दीवानी हैं।

हम आखिर क्यों करे भरोसा गैरों पर,
जब चलना है हमे अपने ही पैरों पर।

मैं सच कहने की हिम्मत रखता हूँ, 
इसीलिए आजकल रिश्ते कम रखता हूँ।

वो मेरी न हुई तो हैरत की कोई बात नहीं, 
शेर से दिल लगाना बकरी की औकात नहीं।

बेवफ़ा के लिए रोना बंद करो,
और सफलता के लिए संघर्ष करो।

जहाँ सच ना चले वहां झूठ ही सही, 
जहां हक ना चले वहां लूट ही सही।