जिसे दिल से चाहा उसी ने मुझे रुलाया,
बिच राहो में छोड़कर कैसा प्यार निभाया। 

तेरे इश्क़ में खो गया इस कदर, 
कि दिल में मेरे अरमान सजने लगा,
लेकिन तू जब से की है मुझसे बेवफाई,
अब हर शख़्स मुझे बेवफ़ा लगने लगा।

वो हमसे मिली भी तो बेवफा बन के मिली,
मेरे गुनहा उतने नहीं थे जितनी मुझे सजा मिली।

अपने हुस्न पर नाज़ करना उसका गुरूर हैं,
हर दिन नया आशिक़ बनाना उसका सुरूर हैं,
मेरा दिल उसके बेवफाई पर भी फितूर हैं,
अब आप ही बताओ यारो इसमें मेरा क्या कसूर हैं।

ऐ मौत तुझे मैं गले लगाना चाहता हू,
कितनी वफा है ये आजमाना चाहता हू,
लोगो ने बहुत रूलाया है मुझे,
तेरा साथ मिले तो लोगो को रूलाना चाहता हूं।

हमें ना मोहब्बत मिली ना प्यार मिला,
हमे तो सिर्फ और सिर्फ बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई है तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला।

बीते हुए लम्हो में कई दर्द भरा है,
मेरे हस्ते हुए चेहरे में गम भरा है। 

खो गई हु मैं उन पुरानी यादो में,
अब खुद को ही भूलती जा रही हु,
पहले हर बात पे मुस्कुराया करती थी,
अब खुद ही खामोश हुई जा रही हु। 

वो वक़्त बीत गया है,
वो वादा टूट गया है,
किसे कहु दिल की बात,
वो प्यार भी रूठ गया है। 

दिल के करीब आके जब वो दूर हो गए,
दिल के सारे हसीन ख्वाब चूर-चूर हो गए,
हमने वफा निभाई तो बदनामी मिली,
और वो बेवफाई करके भी मशहूर हो गए।

टूटकर एक दिन पत्तो की तरह बिखर जाउंगी,
दिवारो से लटकती हुई तस्वीर में नजर आउंगी, 
अगर कभी न मिलु तो उदास मत होना,
अपनी आंखे बंद करना मैं ख्वाबों में नजर आउंगी। 

मेरी ज़िन्दगी की एक उलझन को सुलझा दे कोई,
किसी को भुलाया कैसे जाता है इतना बता दे कोई। 

वो हमे क्यों छोड़कर चले गए,
हमे पता नहीं उनकी क्या मज़बूरी थी,
अब खुदा से भी क्या शिकायत करे,
लगता है हमारी कहानी ही अधूरी थी। 

वक़्त ने तेरे चेहरे का रंग दिखा दिया,
तुम कभी मेरे नहीं थे ये बता दिया,
अब इस दिल में को कोई उम्मीद न रही,
इस दिल ने अब सब कुछ मिटा दिया। 

बहुत दर्द है दिल में बता नहीं सकते,
अब इस दर्द से और नहीं लड़ पाउगी,
ज़िन्दगी जीने का कोई वजूद ही नहीं रहा,
किसी दिन खुद से हारकर टूट जाउगी। 

मैंने टूटे हुए दिल के टुकड़े को सजाया है,
अपने दर्द को दिल में ही दबाया है,
लोग कहते है तुम पहले जैसे नहीं रहे ,
मैंने दिल के जख्म को लोगो से छुपाया है। 

हमने भी ज़िन्दगी में बहुत कुछ खोया है,
एक वक़्त में हमने भी हस्ते हुए रोया है। 

मजबूरी में जब कोई जुदा होता हैं,
जरूरी नहीं की वो बेवफा होता हैं,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता हैं।

जब निकले मेरा जनाजा तो खिड़की से झांक लेना,
फूल तो बहुत महंगा पड़ेगा पत्थर ही मार देना।

पत्थर की ये दुनिया जज्बात नहीं समझती,
दिल में है जो वो बात नहीं समझती,
तन्हा तो चांद भी है सितारों के बीच,
मगर चांद का दर्द बेवफा रात नहीं समझती।