किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे !

हर वक्त तेरा इंतजार रहता है,
तेरे लिए सनम हम बेकरार रहते हैं,
मुझे पता है तू नहीं किस्मत में मेरी,
फिर भी ना जाने क्यों तेरा इंतजार रहता है !

वो न आएगा हमें मालूम था,
कुछ सोच कर इंतजार करते रहे !

किसी रोज होगी रोशन मेरी भी जिंदगी,
इंतजार सुबह का नहीं तेरे लौट आने का है।

किसी रोज होगी रोशन मेरी भी जिंदगी,
इंतजार सुबह का नहीं तेरे लौट आने का है !

मैं आज भी तेरा इन्तजार कर रहा हूँ,
बस एक बार लौट आओ मेरे पास !

संभव ना हो तो साफ मना कर दें,
पर किसी को अपने लिए इंतजार ना करवाएं !

पल भर का प्यार और बरसों का इंतज़ार,
जैसे कोई अपना ही अपने घर को लूट रहा है !

वो न आयेगा हमें मालूम था,
मगर कुछ सोच कर करते रहे इंतज़ार उसका !

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की अब आदत हो गयी है !

आंखों का इंतज़ार तुम पर आकर ही तो खत्म होता है,
फिर चाहे वो हकीकत हो या ख्वाब !

झुकी हुई पलकों से उनका दीदार किया,
सब कुछ भुला के उनका इंतजार किया
वो जान ही न पाए जज्बात मेरे,
मैंने सबसे ज्यादा जिन्हें प्यार किया !

कभी कभी एक दिन का इंतजार,
सालों जैसा लगता है !!

मुझको अब तुझ से मोहब्बत नहीं रही,
ऐ ज़िन्दगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उसके इंतज़ार के वो दीये,
कहीं आस-पास भी उस की आहट नहीं रही।

उल्फ़त के मारों से ना पूछो आलम इंतज़ार का,
पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहार का !

एक मुलाकात की आस में मैं ज़िंदगी गुजार लूंगा,
तुम हां तो कहो तुम्हारे लिए उम्र भर इंतज़ार करूंगा !

इंतज़ार उनके आने का खत्म न हुआ,
हम हर एक आहत में उनको ही ढूंढते हैं !

जिसका इंतज़ार शिद्दत से करोगे,
वही अक्सर नहीं आते !

वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे,
हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे,
वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था,
हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे।

उसके ना की उम्मीद तो नहीं,
फिर भी उसका इंतज़ार किये जा रहे हैं !