महाकाल तुम से छुप जाए मेरी तकलीफ,
ऐसी कोई बात नही तेरी भक्ती से ही पहचान है,
मेरी वरना मेरी कोई ओकात नही ।
जिनके रोम-रोम में शिव हैं,
वही विष पिया करते हैं,
जमाना उन्हें क्या जलाएगा,
जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं !
लोग बेताब थे मिलने को मंदिर के पूजारी से,
हम दुआ लेकर आ गये बाहर बैठे भिखारी से
हर हर महादेव !
घोडा न हाथी न सिंह न बाघ,
करे नंदी🐂की सवारी मेरा भोलेनाथ
Har Har Mahadev
अब क्या मांगू तुझसे हे भोलेनाथ,
जो तूने दिया वो भी बहुतों के नसीब में नही था !
किस्मत बदलती देखी तक़दीर बदलती देखी
केदारनाथ का वो पत्थर साक्षी है जिसने
महाकाल की शक्ति से हर तस्वीर बदलती देखी
शिव की बनी रहे आप पर छाया,
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया,
मिले आपको वो सब अपनी जिन्दगी में,
जो कभी किसी ने भी न पाया !
जब भी मैअपने मैं बुरे हालातो से घबराता हूँ !
तब मेरे महाकाल की अवाज आती है !
रूक मैं आता हूँ !
क्या करूँगा मैं अमीर बन कर,
मेरा महाकाल तो फकीर का दीवाना है !
गरीब को किया दान और मुह से निकला,
महादेव का नाम कभी व्यर्थ नही जाता !
अपनी तो बस इतनी सी कहानी है,
बालक हैं हम उसके जिसकी दुनिया दिवानी है,
जय भोलेनाथ की ।
अकेले ही वो पूरी दुनिया में,
चिता की भस्म से नहाते है,
ऐसे ही नहीं वो कालो के काल
महाकाल कहलाते हैं !
सारा जहाँ है जिसकी शरण मे,
नमन है उस शिव के चरण मे,
बने उस शिव के चरणो की धूल,
आओ मिल कर चढ़ाए हम श्रद्धा के फूल !
चलना भी है भागगना भी है,
महादेव को पाने के लिये,
सोते हुए जागना भी है,
जय महाँकाल, हर हर महादे !
झुकता नही शिव भक्त किसी के आगे,
वो काल भी क्या करेगा महाँकाल के आगे !
उन पैरों को सदा सलामत रखना ऐ महाकाल,
जिनके बलबूते पर अभी तक खड़ा हुँ ।
सारा ब्राम्हॉंन्ड झुकता हैं जिसके शरण में,
मेरा प्रणाम हैं उन महाकाल के चरण में !
बजते हैं डमरू भस्म से होता हैं शृंगार,
इतने अद्भुत ढंग से सजते हैं महादेव मेरे !
हर हर महादेव !
सुकून की बड़ी-बड़ी व्याख्या कर रहे थे सभी,
मैंने “महाँकाल” लिखकर सबको मौन कर दिया ।
दुनिया के बदलते रंग देखता हूँ पर,
सिर्फ आपको “महादेव” हर पल अपने संग देखता हूँ !