किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में,
पहले से बेहतर दिखने लगा है !
दिल तो हमारा वो आज भी बहला,
देते है फर्क सिर्फ इतना है पहले हँसा,
देते थे अब रुला देते है !
जिस नजाकत से लहरें पैरों को छूती हैं,
यकीन नही होता कि इन्होने,
कभी कश्तियाँ भी डुबाई होंगी !
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते हैं !
आखों में उम्मीद दी दिल मे थी आशा,
मुझे तुमसे मोहब्बत थी,
दिल टूटा तो हाथ लगी निराशा !
वो मुझसे बिछड़ा तो बिछड़ गई जिंदगी,
मैं जिंदा तो रहा मगर जिन्दों में न रहा !
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा ना किया जाता,
बेरुखी भी उनकी मंजूर थी हमें,
एक बार बस हमें समझ लिया होता !
ये दिल एक बेवफा को चाहने लगा रहा,
तेरी जुदाई के गम में दर्द देने लगा था !
टूटे दिल को लेकर अब कहाँ जायेंगे,
यहीं रहेंगे गम से निभायेंगे !
जिसने जितना वक्त दिया था,
हमने सब संभाल के रखा है,
किसी दिन फुर्सत से अदा करूंगा !
रोती हुई आंखें कभी झूठ नहीं बोलती,
क्योंकि आसू तभी आते हैं,
जब कोई अपना दर्द देता है !
जिसे हम भगवान की दुआ समझते थे,
वो तो किसी पुराने जन्म का पाप निकला !
ऐसे लोगों के सपने देखने का,
कोई मतलब ही नहीं जिन्हें तुम्हारे,
मैसेज तक पढ़ने की फुर्सत ना हो !
तुम लाना दर्द, हम खुशी लायेंगे,
तुम्हारी हर वेवफाई को वफा से निभायेंगे !
हमें नही आती है साहब किसी और की बुराई
क्योकि हमें तो दुनिया वालो ने,
पहले से ही बदनाम किया हुआ है !
इश्क सभी को जीना सिखा देता है,
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है,
इश्क नही किया तो करके देखो,
जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है !
दिल मे आरजू के दिये जलते रहेगे,
आँखों से मोती निकलते रहेगे,
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो,
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे !
दुआ करो जो जिसे मोहब्बत करे वो उसे मिल जाये,
क्योंकि बहुत रुलाती है ये अधूरी मोहब्बत !
सूखे पत्तों की तरह बिखरे हैं हम तो,
किसी ने समेटा भी तो सिर्फ,
जलाने के लिए !
उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे,
लगता है कोई भूल रहा धीर-धीरे मुझे !