आखों में उम्मीद दी दिल मे थी आशा,
मुझे तुमसे मोहब्बत थी,
दिल टूटा तो हाथ लगी निराशा !

वो मुझसे बिछड़ा तो बिछड़ गई जिंदगी,
मैं जिंदा तो रहा मगर जिन्दों में न रहा !

काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा ना किया जाता,
बेरुखी भी उनकी मंजूर थी हमें,
एक बार बस हमें समझ लिया होता !

ये दिल एक बेवफा को चाहने लगा रहा,
तेरी जुदाई के गम में दर्द देने लगा था !

मुझे किस्मत से शिकवा तो नहीं लेकिन ऐ खुदा,
वो जिंदगी में क्यों आया जो किस्मत में नहीं था !

वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
उदास करती हैं मुझको निशानियाँ तेरी !

ऐ दिल तू क्यों रोता है,
ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है !

अधूरे चांद से फरियाद तो करता होगा,
वो मुझे ज्यादा नही पर याद तो करता होगा !

बड़ी अजीब होती हैं ये यादें,
कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं !

दिल ने सोचा था की टूट कर चाहेंगे उसे,
सच मनो टूटे भी बहुत और चाहा भी बहुत !

अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी है,
सवाल भी खुद के होते है,
और जवाब भी खुद के !

कुछ बदल जाते हैं कुछ मजबूर हो जाते हैं,
बस यूं लोग एक दूसरे से दूर हो जाते हैं !

कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक्त का सफर,
एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर !

एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से
अब वो भी टूट गयी,
वफादारी की आदत थी हमे,
अब शायद वो भी छूट गई !

तेरे हर सवाल का जवाब सिर्फ यही है,
हां मैं गलत हूँ और तू सही है !

अजीब हैं मेरा अकेलापन
न तो खुश हूँ न ही उदास हूँ,
बस खाली हूँ और खामोश हूँ !

अच्छे होते हैं वो लोग जो आकर चले जाते हैं,
थोड़ा ठहर कर जाने वाले बहुत रुलाते हैं !

देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ,
हमपे नजर पड़ी तो वो महफिल से उठ गए !

सारी दुनिया को छोड़कर,
जिसको मैंने अपनाया उसी,
शख्स ने इस दिल को तड़पाया !

ऐ खुदा बना कर भेज दो एक फरिश्ता,
जो टूटे दिल को जोड़ दे आहिस्ता-आहिस्ता !