एक शख्स कहने लगा,
अच्छा हुआ मेरी बेटी नहीं हैं,
इतने मसले होते हैं,
एक आवाज आई हमारा रब बेटी उसी को,
उसे अता करता है जिस को बेटी पालने की औकात होती है !

एक मीठी सी मुस्कान हैं बेटी,
यह सच है कि मेहमान हैं बेटी,
उस घर की पहचान बनने चली,
जिस घर से अनजान हैं बेटी !

देवी का रूप देवों का मान हैं बेटियां,
परिवार के कुल को जो रोशन करें,
वो चिराग हैं बेटियां !

वो मुझे हमेशा याद करती होगी,
ये बात मैं भूल नहीं पाता हूँ !

बिखरा हुआ हूँ बरसो से इसी इंतजार में,
कोई तो होगा जो समेटने आएगा मुझे !

तेरे साथ गम भी अपना लगता है,
तेरे बिना खुशी भी पराई लगती है !

बस एक वही मेरी ठहराव थी,
मेरी ज़िंदगी के भाग दौर में !

टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाए,
इसलिए सबसे दूर हो गए !!

आज मेरे आइना ने भी कह दिया,
तेरा बेबस चेहरा मुझसे देखा नहीं जाता !!

मालूम है कि मुझे ये मुमकिन नहीं,
मगर आस सी रहती है,
कि तुम याद करोगे !

तेरी मोहब्बत में एक बात सीखी है,
तेरे साथ के बिना ये दुनिया फीकी है !

जिंदगी ही नहीं रात भी तनहा,
लगने लगी है तुम्हारे बिना !

छोड़ दिया बेवज़ह सबको परेशां करना,
जब कोई अपना ही नहीं समझता,
तो उसे अपनी याद क्यों दिलाना !

उदास कर देती है हर रोज ये शाम,
ऐसा लगता है जैसे भूल रहा है कोई धीरे धीरे !

नफरत मत करना हमसे हमे बुरा लगेगा,
बस प्यार से कह देना तेरी जरुरत नही है !

कोई मजबूरी होगी जो वो याद नहीं करते,
संभल जा ऐ दिल,
तुझे बस रोने का बहाना चाहिए !

उम्र कैद सी लगती है जिंदगी,
जब से उनकी रूह से निकल गए हम ।

मेरी तन्हाईया गवाह है इस बात की,
अब तक तेरी जगह कोई नहीं ले पाया !

शिकायत तुझसे नही तेरे वक़्त से है,
जो तुझे कभी मिला ही नहीं मेरे लिए !

हर पल तुम्हारी याद आती है !
किसी पल तुम भी आओ न !