हमने अपनी बर्बादी का रास्ता खुद चुन लिया,
किसी पत्थर के हवाले अपना दिल कर दिया,
अब जाकर पता चला ये मोहब्बत क्या चीज है,
उनकी ख़ुशी के लिए हमने अपनों का दिल तोड़ दिया।
हमारी मुस्कुराहट के पीछे कई राज छुपे है,
इन जगती रातो में भी कुछ बात छुपे है,
जरुरी नहीं की हमारे आंसू ही दुख बया करे,
मुस्कुराते चेहरे में भी दर्द के एहसास छुपे है।
मेरी वफ़ा की उसने कदर भी ना की,
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता,
सुना है अब वो उसकी भी ना हुई,
मुझे छोड दिया पर उसे तो अपना लिया होता।
दिल लगा है तो लगा रहने दीजिए,
इश्क करने की एक सज़ा रहने दीजिए,
नफ़रत करिये हमसे पर दिल ना लौटाइये,
ज़िन्दा रहने की कोई तो वजह रहने दीजिए।
कुछ गलतियाँ की है जो अब हमें सुधारनी है,
दोस्तों ने फर्ज पूरा किया अब हमें दोस्ती निभानी है।
ऐ दोस्त मैं तुम्हे भूल जाऊं ये तेरी भूल है,
अब क्या कहु तू तो एक महकता हुआ फूल है।
दोस्ती का फर्ज इस तरह से निभाया जाये,
रहीम रहे भूखा तो राम से भी ना खाया जाये।
शर्ते लगाई नहीं जाती दोस्तों के साथ,
कीजिये कुबूल दोस्तो को उसकी कमी के साथ।
दोस्ती में भी अपने ही उसूल होते हैं,
दोस्ती के लिए कांटे भी कुबूल होते हैं।
कुछ दोस्तों की दोस्ती में हम इतना खो गए,
बीत गए लम्हे और हम तस्वीर लेना भूल गए।
कौन कहता है की दोस्ती यारी बर्बाद करती है,
कोई निभाने वाला हो तो दुनिया याद करती है।
मैं कोई रिश्ता नहीं जो तुम निभाओगे मुझे,
बस दोस्त हूँ इसे दोस्ती से ही पाओगे मुझे।
दोस्तों की दोस्ती में कभी कोई रूल नहीं होता है,
और ये सिखाने के लिए कोई स्कूल नहीं होता है।
सफर दोस्ती का जिसका कभी अंत नहीं होता,
दोस्ती के रिश्ते में प्यार कभी कम नहीं होता।
दोस्ती के रिश्ते में कितनी भी दूरी होती है,
फिर भी दोस्ती तो कोहिनूर जैसी होती है।
दो ऊँगली जोड़ने से दोस्ती हो जाती है,
यही तो दोस्ती की ख़ूबसूरती कहलाती है।
खूबिया मिलती है तो शादी होती है,
मगर कमिया मिलती है तो दोस्ती होती है।
ना तुम दूर जाना ना हम दूर जाएंगे,
अपने-अपने हिस्से की दोस्ती दोनों निभाएंगे।
छोटी छोटी बातों से कभी दोस्त ना रुठे,
नाजुक सा ये दिल कभी भूल से ना टूटे।
जिंदगी के सारे गम क्यों बाँट लेते है दोस्त,
ज़िंदगी में दोस्ती पे जान लूटा देते है दोस्त।