बदलते लोग बदलते रिश्ते
और बदलता मौसम,
चाहे दिखाई ना दें पर महसूस जरूर होते हैं।

कड़वाहटें भी जरुरी है रिश्तों में,
कौन साथ रहने की कोशिश करता है
कौन नहीं पता चल जाता है।

किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे लिख लेते हो ,
मैंने कहा दिल तोड़ना पड़ता है लफ्जों को जोड़ने से पहले ।

इश्क के सपनों का वो हर मीठा लम्हा गुजर गया,
तेरा प्यार झूठा था वादे करके
मुकर गया ।

रुलाया न कर हर बात पर ए-जिन्दगी,
जरूरी नहीं हर इंसान की किस्मत में चुप करवाने वाला हो ।

आज के जमाने का ट्रेंड बन गया है,
झूठा प्यार और झूठा इकरार !

कितना बुरा लगता है जब बादल हो और बारिश ना हो,
जब आंखे हो और ख्वाब ना हो,
जब कोई अपना हो और कोई पास ना हो !

बहुत नाज था इस नासमझ दिल को,
तुम्हारे प्यार पर कमबख्त बेवफाई झेल,
नहीं पाया और टूट कर बिखर गया !

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,
क्या गम है जिस को छुपा रहे हो !

मोहब्बत में हमसे क्या खता हुई,
हमे मालूम नही,
क्यो हमसे वो जुदा हुई मालूम नही !!

रिश्तों को सफल बनाने के लिए केवल,
यकीन करना सीखो शक तो सारि दुनिया करती है !

प्यार में धोखा देने के लिए शुक्रिया,
तुम ना मिलते तो,
दुनिया समझ में न आती !!

ये दुनिया दिखावे की बनी हुई है,
यहाँ अपने तो असली में हैं,
पर उनका अपनापन दिखावे का है !

बहुत इज्जत करता हूँ मैं अपने दुश्मनों की,
क्युकी बहुत कुछ सीखा मैं इनसे ठोकर खा कर !

इश्क के सपनों का वो हर मीठा लम्हा गुजर गया,
तेरा प्यार झूठा था वादे करके मुकर गया !

आपसे ही हर सुबह हो मेरी,
आपसे ही हो हर शाम सुहानी,
ऐसा कुछ रिश्ता बन गया आपसे,
कि हर सांस में सिर्फ तेरा ही नाम है !

मेरी हर खुशी हर बात तेरी है।
साँसों में छुपी ये साँस तेरी है ।
दो पल भी नही रह सकते तेरे बिन,
धड़कनों की धड़कती हर आवाज तेरी हैं।

मैं कैसे समझाऊं की आप मेरे क्या हो,
आप ही मेरी जमीन हो और,
आप ही मेरा आसमान हो !

“तुम्हारे माथे पे लगी बिंदी,
तुम्हारी रौनक बड़ा देती है,
उफ ये काजल की लपटें,
मुझे फिर से इश्क करा देती है !

सुबह की चाय तभी अच्छी लगती है,
जब उस पल में आपका साथ हो !