जो हमारी नफरत के भी लायक नहीं थे,
हम उन्ही से बेशुमार प्यार कर बैठे !

नफरतों का सिलसिला जारी है,
लगता है दूर जाने की त्यारी है,
दिल तो पहले दे चुके हैं हम,
लगता है अब जान देने की बारी है !

तेरी नफरत में वो दम कहाँ,
जो मेरी चाहत को कम करे !!

लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है !

मैं काबिले नफरत हूँ तो छोड़ दे मुझे,
तू मुझसे यूँ दिखावे की मोहब्बत ना किया कर !

हाँ मुझे रस्म ए मोहब्बत का सलीका ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाजत है तुझे !

मिलना बिछड़ना सब किस्मत का खेल है,
कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है,
बिक जाता है हर रिश्ता दुनियां में,
सिर्फ दोस्ती का यहा नाँट पर सेल है !!

वो वक्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरजू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए,
तो मैं सजदा न करूँ !!

इतनी नफरत है उसे मेरी मोहब्बत से,
उसने अपने हाथ जला लिए,
मेरी तकदीर मिटाने के लिए !!

तुझे पाने की तमन्ना दिल से निकाल दी मैंने,
मगर आँखों को तेरे इंतज़ार की आदत सी बन गयी है !

हाल तो पूछती नहीं दुनिया जिंदा लोगों का,
चले आते हैं लोग जनाजे पर बारात की तरह !!

मिलता भी नहीं तुम्हारे जैसे इस शहर में,
हमको क्या मालूम था के तुम भी किसी और के हो !

तकदीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई,
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई,
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने,
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई !!

ज़िंदगी रही तो याद सिर्फ
तुम्हे ही करते रहेंगे
भूल गए तो समझ जाना
अब हम ज़िंदा नही रहे।।

सफेद लिबास उसे बहुत पसंद था मगर,
आज जो हम कफन में लिपटे हैं,
तो वो रोता क्यों है !!

कभी सोचा न था के वो मुझे तनहा कर जायेगा,
जो अक्सर परेशां देख कर कहता था मैं हूँ ना !!

कौन कहता है नफरतों मैं दर्द होता है,
कुछ मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है !!

हमें नही आता अपने दर्द का दिखावा करना,
बस अकेले रोते हैं और सो जाते हैं !!😭😢

महफ़िल में गले मिलके वो धीरे से कह गए
ये दुनिया की रस्म है !!
इसे मोहब्बत न समझलेना !!

जाने दुनियाँ मे ऐसा क्यू होता है,
जो सब को खुशी देता वही रोता है,
उमर भर जो साथ ना दे सके वही,
ज़िंदगी का पहला प्यार क्यू होता है !