हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे गजलों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ !

तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है !

कल तक हमसे बात किये बिना,
जिसे नींद तक नहीं आती थी,
आज हमसे बात करने का,
वक्त नहीं उसके पास !!

दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक्त गुजर जाता है !

जब नादान थे तो जिंदगी के मजे लेते थे,
समझदार हुये तो जिंदगी मजे ले रही है !

खवाहिश ऐ ज़िन्दगी बस इतनी सी है,
साथ तुम्हारा हो और जिन्दगी कभी खत्म न हो !

उम्मीद मत छोड़ना ए जिंदगी,
कल का दिन आज से बेहतर होगा !

जिंदगी के उस मोड़ पर खड़े हैं,
जहाँ यह समझ नहीं आ रहा है,
हम जिंदगी के मजे ले रहे हैं,
या जिंदगी हमारे मजे ले रही है !

अजीब तरह से गुजर रही ज़िन्दगी अपनी,
दिलों पे राज किया फिर भी मोहब्बत को तरस रहे है !

अनजान राहों पर चल रहा था,
ज़िंदगी से मुलाकात हो गई !

यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों,
रहना जरा संभाल के,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है,
गुब्बारों में डाल के !

जिंदगी इतना भी मत सीखा,
अब थोड़ा साथ भी दे दे !!

ऐ गम-ए-जिंदगी न हो नाराज,
मुझको आदत है मुस्कुराने की !

ज़िंदगी में कुछ खत्म होना जरूरी होता है,
कुछ नया शुरू करने के लिए !

“ज़िंदगी भी किताब सी होती है,
सब कुछ कह देती है खामोश रह के भी !

जरा सी ज़िंदगी है अरमान बहुत हैं,
हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत हैं,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है वो अनजान बहुत हैं !

ज़िन्दगी का मामला भी अजीब है,
साहब ठोकर देकर संभालना सिखाया !

ज़िंदगी के हर दर्द को सहता जा,
और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता जा !

जिन्दगी तू ही बता कैसे तुझसे प्यार करू !
तेरी हर एक सुबह मेरी उम्र कम कर देती है !

मत सोच इतना ज़िन्दगी के बारे में,
जिसने ज़िन्दगी दी है,
उसने भी कुछ तो सोचा होगा !