ज़िन्दगी से क्यों रूठ गए हो तुम,
इतने मायूस क्यों हो गए हो तुम,
जरूर तुम्हारा भी किसी ने दिल तोड़ा है,
जो इतने गम-गीन हो गए हो तुम !
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा,
तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते !
मेरे टूटे हुए दिल को तुम कैसे जोड़ दोगे,
मुरझाए हुए फूल को तुम कैसे खिलापाओगे !
मैंने जिंदगी में कई गमों को पार किया,
पर तुमसे बिछड़ना इस टूटे,
दिल को गवारा ना हुआ !
दिल की क्या बिसात थी निगाह-ए-जमाल में,
इक आइना था टूट गया देख-भाल में !
तू मुझे याद करे न करे तेरी खुशी,
हम तो तुझे याद करते रहते है,
तुझे देखने को दिल तरसता रहता है,
और हम तेरा इंतजार करते रहते है !
हम झुके अपनों को उठाने के लिए,
और अपने झुके हमे गिराने के लिए,
वाह रे खुदा कैसा मंजर दिया तूने,
ज़िंदगी बिताने के लिए !!💘💔
खुदा कभी किसी पे फिदा न करे,
अगर करे भी तो कभी कयामत तक जुदा न करे !
एक साँस भी पुरी नहीं होती,
तेरे ख्यालों के बिना,
तुमने ये कैसे सोचा कि,
हम जिदंगी गुजार देगे तेरे बिना !
वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त,
जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं !
नींद से क्या शिकवा करूं मैं जो रात भर आती नहीं,
कसूर तो उस चेहरे का है जो रात भर सोने नही देता !
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में मेरे हमदम,
अलफाज कम पड़ जाते है तेरी मासूमियत देखकर !
उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की,
रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी !
अल्फाज खुशी दे रहे थे मुझे और,
वो मेरे इश्क की तारीफ कर रही थी !!
मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ,
मेरी नजरों में हसीन वो है जो तुम जैसा हो !
तुम्हारे गालों पर एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
डर है की इस चहरे को किसी की नजर न लग जाए !!
ख्वाहिश ये नहीं की मेरी तारीफ हर कोई करे,
बस कोशिश ये है की मुझे कोई बुरा न कहे !!
मासूम सी सूरत तेरी दिल में उतर जाती है,
भूल जाऊं कैसे मैं तुझे,
तू मुझे हर जगह नजर आती है !
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है,
उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है !!
देख कर तेरी आँखो को मदहोश मैं हो जाता हूँ !
तेरी तारीफ किये बिना मैं रह नहीं पाता हूँ !