हर इंसान का दिल बुरा नही होता,
हर एक इंसान बेवफा नही होता,
बुझ जाते है दिए कभी तेल की कमी से,
हर बार कुसूर हवा का नही होता !
रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ,
ऐ मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ !
इक नाम जो तेरा लिख दिया मैंने रेत पर,
उम्र भर हवा से फिर दुश्मनी रही !
शायर कहकर बदनाम न कर मुझे,
मैं तो रोज शाम को दिनभर का हिसाब लिखता हूँ !
अजीब सा प्यार था उसकी उदास आँखों में,
महसूस तक न हुआ की मुलाकात आखरी है !
अजीब सा प्यार था उसकी उदास आँखों में,
महसूस तक न हुआ की मुलाकात आखरी है !
पूरा हक है तेरा मुझ पे तू सब जताया कर,
मैं ना पूछूँ मुझे फिर भी सब बताया कर !!
कुछ दूर हमारे साथ चलो,
हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे ना जिसे तुम आखो से,
वो बात जुबानी कह देंगे !
मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना,
शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता !
मुझे तलाश है जो मेरी रुह से प्यार करे,
वरना इन्सान तो पैसों से भी मिल जाया करते हैं !
शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है,
पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है।
निकलूं अगर मयखाने से तो,
शराबी ना समझना मेरे दोस्त,
मंदिर से निकलता,
हर शख्स भी तो भक्त नहीं होता !
जाम पीने का मजा जिंदगी जीने से जादा हैं,
अगर इसे न पिया तो जिंदगी जीने का मजा क्या हैं !
तू डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में,
जब तक वो न निकले मेरे ख्यालों से !
कुछ तो शराफत सीख ले ए इश्क शराब से,
बोतल पे लिखा तो है मैं जान लेवा हूँ !
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी !
यूँ तो ना थी जनम से पीने की आदत,
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गये।
यारो कहा मैं शौख से पीता हूँ !
गम भुलाने के लिए होश से पीता हूँ !
मत कहिये मुझसे शराब छोड़ने के लिए !
शराब पीता हु तभी तो जीता हूँ !!
हर बार सोचता हूँ
छोड़ दूंगा मैं पीना अब से,
मगर तेरी याद आती है,
और हम मयखाने को चल पड़ते हैं !
शराबी इलजाम शराब को देता है,
आशिक इलजाम शबाब को देता है,
कोई नहीं करता कबूल अपनी भूल,
कांटा भी इलजाम गुलाब को देता है !!