एक बीते हुए रिश्ते की,
एक बीती घड़ी से लगते हो,
तुम भी अब अजनबी से लगते हो !

तेरी मुस्कुराहट भी इस कदर कमाल करती है,
बेजार मन को भी गुलजार करती है !

तुमने तो कहा था हर शाम,
हाल पूछेंगे तुम्हारा तुम बदल,
गए हो या तुम्हारे शहर में,
शाम नहीं होती !

उम्र तो है मुट्ठी में फिसलती रेत सी,
पकड़ा इसे किसने भला,
जियो जो हर पल इसे भरपूर,
तो फिर जिंदगी गुलजार है !

वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह,
उन्हें ढूंढने की जरूरत नही,
मेरी आँख में झाँक कर देख लो,
तुम्हें आइने की जरूरत नही !

इन उम्र से लम्बी सड़कों को,
मंजिल पे पहुँचते देखा नहीं,
बस दौड़ती फिरती रहती है,
हमने तो ठहरते देखा नहीं !

लोग कहते है की खुश रहो,
मगर मजाल है की रहने दे !

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है,
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है !

मोहब्बत आपनी जगह,
नफरत अपनी जगह,
मुझे दोनो है तुमसे !

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती !

तुम शोर करते हो,
सुर्खियों में आने के लिए
हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई हैं !

आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुजारी है !

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते !

लिखा नहीं जो किस्मत में,
उसकी चाहत क्या करना,
ये तो एक दिन होना था,
हिज्र पे हैरत क्या करना !

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना पिंघल रही होगी !

तन्हाई अच्छी लगती है,
सवाल तो बहुत करती पर,
जवाब के लिए जिद्द नहीं करती !

तुम्हे जो याद करता हुँ मैं दुनिया भूल जाता हूँ
तेरी चाहत में अक्सर सभँलना भूल जाता हूँ !

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं !

वक्त कटता भी नही,
वक्त रुकता भी नही,
दिल है सजदे में मगर,
इश्क झुकता भी नही !

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें !