खाली नही दिल हमारा तेरे प्यार को पाला है,
उम्मीद दिखाकर तूने हमे अंधेरे में क्यों डाला है।
आंखों में मेरे आंसू आ जाते है,
लेकिन लबो पे हँसी लानी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज है यारों,
जिस से करो उसी से छुपानी पड़ती है।
वो खामोशी मेरी जान नही पाता,
उसे देखे बिना मुझे चैन नही आता,
न जाने कैसी कशिश है उसकी चाहत में,
उससे दो पल की दूरी दिल सह नही पाता।
जिस दिन तू आंखों से मुझे घायल कर गई,
उसी दिन से मुझे तुझसे मोहब्बत हो गई।
तुझसे मिलने को दिल कब से बेसबर है,
न मंजिल का पता है न रास्तो का खबर है,
बस अब तो आपकी याद में ही हम जिंदा है,
लगता है मुझपे तेरी मोहब्बत का ही असर है।
मेरे तो दर्द भी औरों के काम आते है,
मैं रो पडु तो कई लोग मुस्कुराते है।
हम अफ़सोस क्यों करे की कोई हमे ना मिला,
अफ़सोस तो वो करे जिन्हे हम ना मिले।
मैं तुझे बार बार इसलिए समझता हूँ,
तुझे टुटा हुआ देखकर मैं खुद भी टूट जाता हूँ।
ज़रा सी बात पर शौक करना,
मेरी आदत नहीं,
गहरी जड़ का बरगद हूँ,
दीवार पर ऊगा पीपल नहीं।
एक शख्स जो इतना सताता है,
सुकून भी न जाने क्यों उसी के पास आता है।
यही तो ज़माने का उसूल है,
जरुरत हो तो खुदा, वरना बंदा फ़िज़ूल है।
हर तरीका आज़मा चुका हूँ तुम्हें मनाने का,
कहाँ से सीख के आये हो ये अंदाज रूठ जाने का।
ना समझ है वो अभी मेरी बात नहीं समझेगा,
मेरी जगह नहीं है न मेरे हालात नहीं समझेगा।
देख दर्द किसी और का,
आह दिल से निकल जाती है,
बस इतनी सी बात तो,
आदमी को इंसान बनाती है।
तुम बदले तो हम भी कहाँ पुराने से रहे,
तुम आने से रहे तो हम भी बुलाने से रहे।
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
सुनाऊ क्या? किस्सा थोड़ा अजीब है,
जिसने खंज़र मारा है वही दिल के करीब है।
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
दर्द को छोड़ कर हार में तू राज़ी है,
भूल रहा तेरे हाथो में अभी बाज़ी है।
जहाँ जाना है जाओ,
तुमसे अब कोई रिश्ता थोड़ी है,
जिसके लिए मुझे छोड़ के गए हो,
वो भी कोई फरिश्ता थोड़ी है।