बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ !

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रजाई मांगे !

फूंक डालुंगा मैं किसी रोज दिल की दुनिया,
ये तेरा खत तो नहीं है जो जला ना सकूं !

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !

यहां दरिया पे पाबंदी नहीं है,
मगर पहरे लबों पे लग रहे है !

मजा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे !!

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !

अब तो हर गली का पत्थर हमें पहचानता
हैं उम्र गुजरी हैं तेरे शहर में आते जाते!!!

फूलों की दुकानें खोलो खुशबू का व्यापार करो,
इश्क खता है तो ये खता एक बार नहीं सौ बार करो !

चुरा लो अभी हर हसीन लम्हा जिंदगी से,
फिर जिम्मेदारियां मोहलत नही देंगी !

मोहब्बत आपके दिल से हो गई एक
राहत थी अब खुदा की रहमत हो गई !

मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,
समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे !

मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !

गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !

तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमगन हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं !

बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस कदर है,
वो बरश्ता उधर है,
और मेरा दिल धड़कता इधर है !

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!

बारिश की बुंदे भी क्या वफा निभाती हैं !
दूर आसमा से निकल कर,
जमी में मिल जाती हैं !

बारिश की बूंदे आज मेरे चेहरे को छू गई,
लगता है शायद आसमा को जमी मिल गई !

कल रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए,
आज मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है !