जिंदगी को मैं अपने अंदाज में जीता हूं, 
इश्क और लड़की से दूर रहता हूं।

इतनी सी जिंदगी है पर ख्वाब बहुत हैं, 
जुर्म का तो पता नहीं पर इल्जाम बहुत हैं।

जो मेरे मुकद्दर में हैं वह खुद चल कर आएगा, 
जो नहीं है उसे अपना खौफ लाएगा।

अभी मेरी जिंदगी के फसाने मत पूछ मेरे दोस्त, 
जिस दिन मैं दोबारा दुनिया के सामने आ गया,
समझो हर फसाने बयां हो गए, 
और मेरे दुश्मन मुझ पर फिदा हो गए।

ठोकरें खाता हूं पर शान से चलता हूं, 
मैं खुले आसमान के नीचे सीना तान के चलता हूं।

इरादे सारे मेरे साफ़ होते हैं,
तभी तो लोग अक्सर मेरे ख़िलाफ़ होते हैँ।

औकात क्या होती है तुम्हे हम बताएंगे, 
जरा वक्त आने दो हम सबको नचायेगे।

जहां सच न चले वहां झूठ ही सही, 
और जहां हक ना चले वहां लूट ही सही।

सबको लगता है मैं कमजोर हूँ, 
इसलिए देखो आज मैं कुछ और हूं।

दुनिया में रहकर दुनिया के साथ तो लोग चलते है, 
हम तो एटीट्यूड में रहकर दुनिया में छाती ठोक कर चलते है।

ज़िन्दगी में जिसका कोई गोल नही, 
बेटा उसका दुनिया में कोई मोल नही।

वक्त ने फसाया है लेकिन मैं परेशान नही हूँ,
हालातों से हार जाऊँ मैं वो इंसान नही हूँ।

एटीट्यूड का वो नशा चढ़ा है मुझ पर जो ना उतरेगा,
शख़्सियत भले ही मिट जाए पर ये बन्दा किसी के आगे नहीं झुकेगा।

हम अपना वक्त बरबाद नहीं करते, 
जो चला गया हम उन्हें याद नहीं करते।

आज भी हम हारी हुई बाज़ी खेलना पसन्द करते हैं,
क्योंकि हम अपनी किस्मत से ज़्यादा खुद पर भरोसा करते हैं।

ये जो अभी हालात है मेरा एक दिन सुधर जाएगा,
लेकिम काफी लोग इस दिल से उतर जाएगा।

आसमान पर ठिकाने किसी के नहीं होते, 
जो ज़मीन पर नहीं होते वो कहीं पे नहीं होते।

एक अलग पहचान बनाने की आदत है हमें, 
जख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें।

हम जैसे सिरफिरे ही इतिहास रचते हैं,
समझदार तो केवल इतिहास पढ़ते हैं।

जिस चीज़ का तुम्हे खौफ है, 
उस चीज़ का हमे शौंक है।