मंजिल बड़ी हो तो सफर में कारवां छूट जाता है,
मिलता है मुकाम तो सबका वहम टूट जाता है ।

इन अजनबी सी राहों में जो तू मेरा,
हमसफ़र हो जाये बीत जाए पल भर में,
ये वक्त और हसीन सफर हो जाये !

हमे तो पता था की तू कहीं,
और का मुसाफीर था,
हमारा शहर तो बस यूं ही तेरे,
रास्ते मैं आ गया था !

चल वहीं ऐ दिल जहाँ हमसफर है मेरा ,
ये अजनबी रास्ते वो आखिरी सफर है तेरा !

बहुत कुछ सिखाया जिंदगी के
सफर अनजाने ने,
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं,
जो पढ़ाया सबक जमाने ने !

मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफर से,
कुछ इस कदर,
कि ना खुद से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से !

ना मंजिलों के लिए ना ही रास्तों के
लिए मेरा ये सफर है खुद से खुद की
पहचान के लिए !

मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगर,
सफर सफर है मिरा इंतिजार मत करना ।

इन अजनबी सी राहों में जो तू मेरा हमसफर हो जाये,
बीत जाए पल भर में ये वक्त और हसीन सफर हो जाये !

जिंदगी की तरह ये वादियां भी कितनी,
हसीन हैं आसमान नीला,
और जमीन रंगीन है !

हर गाम हादसा है ठहर जाइए जनाब,
रस्ता अगर हो याद तो घर जाइए जनाब,
दिन का सफर तो कट गया सरज के साथ साथ,
अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब !

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं,
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं !

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा!

सफर से लौट जाना चाहता है,
परिंदा आशियाना चाहता है,
कोई स्कूल की घंटी बजा दे,
ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है !

यू ही हाथ थाम मेरा साथ निभाना,
जिंदगी का सफर संग है तेरे बिताना!

वो जीवन में क्या आये बदल गयी जिंदगी हमारी,
वरना सफर ए-जिंदगी कट रही थी धीरे-धीरे !

जिंदगी की खूबसूरती देखना है,
तो कभी सफर पर निकलो !

अगर अपने आप से ऊब जाए तो,
जरूर सफर पर निकल जाय,
हो सकता है की आपकी जिंगदी संवर जाए !

अब जाना मैंने ज़िंदगी क्या है,
सफर में भी हूँ लेकिन जाना कहीं नहीं है !

अजीब सा सफर है ये ज़िंदगी,
मंजिल मिलती है मौत के बाद !