क्या खाक मजा है जीने में,
जब तक महादेव न बसे सीने में ।

हर तकलीफ से इंसान का दिल दुखता बहुत है,
पर हर तकलीफ से इंसान सीखता,
भी बहुत है हर हर महादेव ।

यह कैसी घटा छाई हैं,
हवा में नई सुर्खी आई है,
फैली है जो सुगंध हवा में,
जरुर महादेव ने चिलम लगाई है।

दुनिया के बदलते रंग देखता हूँ पर,
सिर्फ आपको “महादेव” हर पल अपने संग देखता हूँ !

सुकून की बड़ी-बड़ी व्याख्या कर रहे थे सभी,
मैंने “महाँकाल” लिखकर सबको मौन कर दिया ।

बजते हैं डमरू भस्म से होता हैं शृंगार,
इतने अद्भुत ढंग से सजते हैं महादेव मेरे !
हर हर महादेव !

सारा ब्राम्हॉंन्ड झुकता हैं जिसके शरण में,
मेरा प्रणाम हैं उन महाकाल के चरण में !

महाकाल तुम से छुप जाए मेरी तकलीफ,
ऐसी कोई बात नही तेरी भक्ती से ही पह­चान है,
मेरी वरना मेरी कोई ओकात नही ।

झुकता नही शिव भक्त किसी के आगे,
वो काल भी क्या करेगा महाँकाल के आगे !

चलना भी है भागगना भी है,
महादेव को पाने के लिये,
सोते हुए जागना भी है,
जय महाँकाल, हर हर महादे !

सारा जहाँ है जिसकी शरण मे,
नमन है उस शिव के चरण मे,
बने उस शिव के चरणो की धूल,
आओ मिल कर चढ़ाए हम श्रद्धा के फूल !

अकेले ही वो पूरी दुनिया में,
चिता की भस्म से नहाते है,
ऐसे ही नहीं वो कालो के काल
महाकाल कहलाते हैं !

अपनी तो बस इतनी सी कहानी है,
बालक हैं हम उसके जिसकी दुनिया दिवानी है,
जय भोलेनाथ की ।

गरीब को किया दान और मुह से निकला,
महादेव का नाम कभी व्यर्थ नही जाता !

क्या करूँगा मैं अमीर बन कर,
मेरा ‪महाकाल तो ‪फकीर‬ का दीवाना है !

जब भी मैअपने मैं बुरे हालातो से घबराता हूँ !
तब मेरे महाकाल की अवाज आती है !
रूक मैं आता हूँ !

शिव की बनी रहे आप पर छाया,
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया,
मिले आपको वो सब अपनी जिन्दगी में,
जो कभी किसी ने भी न पाया !

किस्मत बदलती देखी तक़दीर बदलती देखी
केदारनाथ का वो पत्थर साक्षी है जिसने
महाकाल की शक्ति से हर तस्वीर बदलती देखी

अब क्या मांगू तुझसे हे भोलेनाथ,
जो तूने दिया वो भी बहुतों के नसीब में नही था !

घोडा न हाथी न सिंह न बाघ,
करे नंदी🐂की सवारी मेरा भोलेनाथ
Har Har Mahadev