लोग बेताब थे मिलने को मंदिर के पूजारी से,
हम दुआ लेकर आ गये बाहर बैठे भिखारी से
हर हर महादेव !

जिनके रोम-रोम में शिव हैं,
वही विष पिया करते हैं,
जमाना उन्हें क्या जलाएगा,
जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं !

एक शाम आती है तेरी याद लेकर,
एक शाम जाती है तेरी याद लेकर,
हमें तो उस शाम का इन्तजार है,
जो आयें तुम्हे साथ लेकर !!
Good Evening

शाम हुई उनका ख्याल आ गया,
वही जिन्दगी का सवाल आ गया !!
Good Evening

शाम होते ही ये दिल उदास हो जाता है,
सपनों के सिवा ना कुछ पास होता है,
आप को बहुत याद करते हैं,
हम यादों का हर लम्हा मेरे लिए कुछ खास होता है !

रोज़ ढलती हुई शाम से डर लगता है,
अब मुझे इश्क के अंजाम से डर लगता है…
जब से तुमने मुझे धोखा दिया,
तबसे मोहब्बत के नाम से भी डर लगता है !

दिल से दिल की बस यही दुआ है,
आज फिर से हमको कुछ हुआ है,
शाम ढलते ही आती है याद आपकी,
लगता है प्यार आपसे ही हुआ है !
गुड इवनिंग !

तेरी उल्फत को कभी नाकाम ना होने देंगे,
तेरे प्यार को कभी बदनाम न होने देंगे,
मेरी जिंदगी में सूरज निकले न निकले,
तेरी ज़िंदगी में कभी शाम ना होने देंगे !
Good Evening

शाम होते ही यह दिल उदास होता है,
सपनो के सिवा कुछ नहीं पास होता है,
आप को बहुत याद करते है हम,
यादो का हर लम्हा मेरे लिए खास होता है !

बागों में फूल खिलते रहेंगे,
रात में दीप जलते रहेंगे,
दुआ है भगवान से की आप खुश रहो,
बाकी तो हम आपको मिस करते रहेंगे,
Good Evening

थक गया है सूरज अपने घर को चला जायेगा,
अब तू भी आजा मेरे प्रियतम,
कल से सूरज फिर आ जायेगा !!
सुभ संध्या !

शाम होते ही ये दिल उदास हो जाता है,
सपनों के सिवा ना कुछ पास होता है,
आप को बहुत याद करते हैं हम,
यादों का हर लम्हा मेरे लिए कुछ खास होता है !
Good Evening

हसरतें कुछ और है,
वक्त का इंतजार कुछ और है,
कौन जी सका है जिंदगी अपने मुताबिक,
दिल चाहता कुछ और है, होता कुछ और है !!
सुभ संध्या !

जिन्दगी की हर सुबह,
कुछ शर्ते लेकर आती है,
और जिन्दगी की हर शाम,
कुछ तजुर्बे देकर जाती है !
सुभ संध्या !

काँटों पर चलकर फूल खिलते हैं,
विश्वास पर चलकर भगवान मिलते हैं !
सुभ संध्या !🙏🌻

मुझे तेरी मासूमियत तेरी याद दिलाती है,
शाम की यह सुहानी हवा तेरी और खींचे जाती है !

हर दिन ढलते वक़्त एक वादा चाहता है,
अगली सुबह फिर वही आज सा,
जीत का इरादा चाहता है !
सुभ संध्या !🙏🌻

कैसे गुजरते हैं दिन मेरे तेरे बगैर,
तुझसे एक शाम मिलूंगा तो बताऊंगा जरुर !
सुभ संध्या !🙏🌻

पूछ लो बेशक परिन्दों की हसीं चेहकार से,
तुम शफक की झील हो और शाम का मंजर हूँ मैं !

सूरज भी अब छुपने लगा है,
शाम का ये खूबसूरत समां,
अँधेरा हो चला है,
पर तू न जाने कहाँ घूम रहा है !